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सिवनी (संतोष दुबे)। बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए सरकार द्वारा भारी-भरकम बजट आने और स्कूल चलो अभियान , सब पढ़े सब बढ़े, ऐसे अनेक अभियान चलाए जाने के बाद भी जिले में स्वास्थ्य और शिक्षा की स्थिति अभी भी दयनीय बनी हुई है। जिसका फायदा निजी स्कूल, निजी अस्पताल संचालक उठा रहे हैं।
विकासखंड घंसौर अंतर्गत ग्राम पंचायत अनकवाड़ा के गांव रोटो में स्कूल भवन की अत्यधिक जर्जरता के चलते वर्तमान में स्कूल गांव के दो निजी घरों में लग रहा है। वर्षो से जर्जर स्कूल भवन की जानकारी यहां के शिक्षकों, अभिभावकों ने जनप्रतिनिधियों, उच्चाधिकारियों को कई बार दी। लेकिन अब गांव के ग्रामीणों के घर में स्कूल लगाया जा रहा है। इसका असर स्कूल की दर्ज संख्या में भी देखने को मिल रहा है। अभिभावक इस स्कूल से अपने बच्चों का नाम कटा कर टीसी निकलवा कर दूसरे स्कूल में दाखिला करवाने मजबूर हैं।
20 साल पुराना भवन स्कूल – प्रधान पाठक ने बताया कि यहां वर्तमान में 27 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। स्कूल भवन में पहले विधिवत रूप से विद्या अध्ययन कार्य संचालित होता था लेकिन स्कूल भवन की अत्यधिक जर्जरता के चलते पिछले 10-12 दिन से सुरक्षा के मद्देनजर स्कूल बंद कर पढ़ाई निजी घरों में की जा रही है। यहां का शासकीय स्कूल भवन वर्ष 2002 में बना था। लगभग 20 साल में भवन अत्यधिक जर्जर हो गया है। स्कूल भवन बिना बीम कॉलम का है। वही छत में दरार आ गई है। बारिश का पानी छत से टपकता है। साथ ही बीम, दीवार के कमजोर होने से शिक्षकों व विद्यार्थियों में भय का वातावरण हमेशा बना रहता है।
वन विभाग की भूमि – घंसौर के उक्त गांव में राजस्व की भूमि नहीं है। सभी और फॉरेस्ट की भूमि होने के कारण नए स्कूल भवन निर्माण का पेच कई सालों से फंसा है। हालांकि तत्कालीन कलेक्टर ने स्कूल भवन की जर्जरता की खबर के प्रकाशन के बाद वन अधिकारियों को स्कूल के लिए उचित भूमि प्रदाय करने पत्र लिखा था। इसके बाद भी अभी तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री आवास योजना के भवन में लगा स्कूल – जर्जर स्कूल भवन जो डिस्मेंटल की कगार में पहुंच चुका है। यहां स्कूल संचालन खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में स्कूल के प्रधान पाठक ने स्कूल से 200 मीटर की दूरी पर दो अलग-अलग निजी घरों में स्कूल लगाने का निर्णय लिया है। यहां गांव निवासी रविंद्र कुमार मरावी पिता गेंद लाल मरावी के घर पर कक्षा पहली से पांचवी तक व कलीराम कुलस्ते के घर कक्षा 6वीं से आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई हो रही है। स्कूल में कक्षा पहली से आठवीं तक की पढ़ाई के लिए एक प्रधान पाठक व एक अन्य शिक्षक संजू कुमार बर्मन कुल 2 शिक्षक पदस्थ हैं। जो अलग-अलग घरों में जाकर कक्षाएं लगा रहे हैं। वहीं जिन घरों में स्कूल लग रहा है वह मकान प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत बनाए गए मकान है। जिनके नाम से उक्त मकान है वह अभी भी अपने पुराने खपरैल जर्जर मकान में गुजर-बसर कर रहे हैं।
किराए की उठी मांग – प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के रहने के लिए बनाए गए मकान को स्कूल भवन के लिए देने के बाद मकान मालिक अब उक्त मकान से प्रतिमाह किराया मिल जाए इसकी जुगत में नजर आ रहे हैं। किराए से देने पर योजना का दुरुपयोग सामने आएगा।
इनका कहना है
हम सब चाहते हैं बच्चों के हितार्थ शीघ्र ही नया स्कूल भवन बन जाए। वन विभाग द्वारा रोक लगी है। वे अपनी भूमि नहीं दे रहे हैं। तत्कालीन कलेक्टर प्रवीण अडायच ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग के अधिकारियों को उचित भूमि प्रदाय करने पत्र लिख चुके हैं।
नेम सिंह पुन्हा प्रभारी प्रधान पाठक, शासकीय प्राथमिक माध्यमिक स्कूल रोटो, घंसौर
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