सिवनी। श्रीमद्भागवत कथा के प्रसंगों को मनुष्य जीवन में अपनाएं तो उसका यह जन्म ही नहीं अगला जन्म भी तर जाता है। सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। हर मनुष्य को सच्ची सेवा के साथ कार्य करना चाहिए। उक्त आशय की बात विकासखंड बरघाट के गांव खामी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन गुरुवार को कथा व्यास पंडित दिनेश कुमार मिश्र ने श्रद्धालुजनों से कहीं।
उन्होंने भगवान कृष्ण की बाल लीला के साथ ही पूतना वध, माखन चोरी का वर्णन किया। बाल काल में कंस के भेजे राक्षसों का वध करने की कथा सुनाई। बाली, बली और काली नाग तीनों भगवान से बात करते थे। काली नग के फन पर नृत्य करते हुए भगवान ने कहा कि जो भगवान का हो जाता है, उसे मौत का भय नहीं होता है। काली नाग भी भगवान का हो गया।
उन्होंने आगे कहा कि भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है। भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है और जो कृष्ण है, वही साक्षात भागवत है। भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है।
श्रीकृष्ण रुकमणि विवाह 20 को – शुक्रवार 20 मई को रासलीला, उद्यव चरित्र, श्रीकृष्ण रुकमणि विवाह, शनिवार श्रीसुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष की कथा बताई जाएगी। रविवार 22 मई को हवन पूजन, महाप्रसाद के साथ कथा विश्राम लेगी।
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