सिवनी। भोपाल से – मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर आ रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनाव कराए जाने के मामले में अंतिम फैसला दिये जाने के उपरांत राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव तीन चरणों में कराने का ऐलान कर दिया है और चुनाव का कार्यक्रम जारी कर कलेक्टर्स से 20 मई तक सुझाव और जानकारी मांगी है।
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने कलेक्टरों को जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच एवं पंच पदका मतदान एक दिन में कराने के लिए कहा है। ताकि मतदान के बाद मतगणना का कार्य भी मतदान की समाप्ति के उपरांत उसी दिन करा दिया जाए। जिससे किसी प्रकार की असमंजस की स्थिति न रहे।
गौरतलब है कि राज्य निर्वाचन आयोग का तर्क है कि नए परिसीमन 2020 के हिसाब से अगर जिला पंचायत सदस्यों का निर्वाचन क्षेत्र एक से ज्यादा विकासखंड में आता है। लेकिन चुनाव अलग-अलग चरण में होने हो तो ऐसे में संशय की स्थिति बनती है। इसलिए जिला पंचायत का चुनाव एक ही तारीख में कराया जाना चाहिए। ताकि पूरे क्षेत्र की मतगणना भी मतदान स्थल पर एक साथ ही हो सके। ऐसा इसलिए क्योंकि ओवरलेप हो रहे दो विकासखंडों में चुनाव प्रक्रिया अलग-अलग चरणों में कराई जाती है, जिससे इस बात का संदेह बना रहता है कि पहले जहां चुनाव होते हैं वहां की मतगणना सार्वजनिक हो जाती है, जिससे दूसरे चरण में होने वाला मतदान प्रभावित हो सकता है। यदि प्रस्तावित चरणवार विकासखंड वार मतदान की प्रक्रिया में कुछ संशोधन के सुझाव हों तो यह जानकारी भी कलेक्टर 20 मई तक भेज सकते हैं।
ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे चुनाव
मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार के पुनर्विचार आवेदन पर सुनवाई करते हुए राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग द्वारा दिए गए ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट को मान्य किया है। फैसले के मुताबिक आरक्षण को अधिकतम सीमा 50% से अधिक नहीं होगी।
नगरीय निकाय और पंचायत राज के त्रिस्तरीय चुनाव में ओबीसी के लिए जनसंख्या के हिसाब से 50% के आरक्षण की सीमा में रहते हुए सीटें आरक्षित की जा सकेंगी।
आरक्षण की प्रक्रिया को 1 सप्ताह के भीतर पूरा करना होगा। चुनाव 2022 के परिसीमन के आधार पर होंगे। नगरीय निकायो का आरक्षण नए सिरे से करना होगा। त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम, जनपद और जिला) का आरक्षण अब नए सिरे से होगा।
इसके साथ ही किसी भी निकाय में जनसंख्या के अनुसार सबसे पहले अनुसूचित जाति वर्ग के लिए सीट आरक्षित होंगी। इसके बाद अनुसूचित जनजाति और फिर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण होगा। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में अनुसूचित जाति का प्रतिशत 15.6 और अनुसूचित जनजाति का 21.1 है। मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के दावे के अनुसार 56% जनसंख्या ओबीसी की है। अनुसूचित जाति वर्ग के लिए प्रदेश स्तर पर आरक्षण का औसत 16 और अनुसूचित जनजाति के लिए 20% पद होंगे। यदि यह आरक्षण 50 प्रतिशत से कम होता है तो पिछड़ा वर्ग को अधिकतम 35% तक आरक्षण दिया जा सकेगा।
सिवनी जिले की स्थिति
सिवनी नगर पालिका में 24 वार्ड, बरघाट नगर परिषद में 15 वार्ड, लखनादौन नगर परिषद में 15 वार्ड, छपारा नगर परिषद में 15 वार्ड, केवलारी नगर परिषद में 15 वार्ड, सिवनी जिले में कुल ग्राम पंचायतें 1635 हैं।
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