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सिवनी। 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण के विरोध में मंगलवार को अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद ने कलेक्टर के नाम लिखा ज्ञापन नायब तहसीलदार निधि शर्मा को ज्ञापन सौंपा।
इन परीक्षाओं में अनारक्षित वर्ग के अधिकारों का हनन हुआ है। महोदय आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार केवल 50 प्रतिशत ही आरक्षण दिये जाने का प्रावधान है, शेष 50 प्रतिशत अनारक्षित व अन्य जातिया जो सामान्य के बराबर या अधिक अंक लाते है उनके लिए ओपन रहेगा। किंतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा जो विज्ञप्ति निकाली गयी थी उसमें स्पष्ट रूप से अनारक्षित वर्ग की रिक्तियों की संख्या केवल 24 प्रतिशत लगभग थी। जिस कारण सामान्य वर्ग के युवा संबंधित परीक्षाओं (2019 व 2020 की राज्य सेवा परीक्षा) में इस प्रकार के आरक्षण नियमो की अवहेलना के कारण योग्यता सूची से बाहर हो गए। साथ ही म.प्र. सरकार व लोक सेवा आयोग के इस कृत्य से माननीय उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश (ओ.बी.सी. वर्ग को 14 प्रतिशत से अधिक आरक्षण न दिया जायें अंतिम आदेश होने तक) की अवहेलना हुई है।
अतः निवेदन है कि भारतीय संविधान एवं उच्च न्यायालय के आदेशों (आरक्षण नियमो के संबंध में) का पालन कराते हुए चारो लोक सेवा आयोग की विज्ञप्ति जिसमें श्रेणीवार पदो की संख्या गलत दर्शाई है। उसे संशोधित करते हुये उक्त परीक्षाओं का पुनः रिजल्ट जारी कराया जावें। पूर्व में जारी परीक्षा परिणामों (2019 व 2020) को निरस्त कर आरक्षण नियमों का पालन कराते हुये पुनः नई विज्ञप्ति जारी कराई जावें जिससे अनारक्षित एवं आरक्षित वर्ग के सभी अभ्यर्थियों को सही लाभ मिल सकें।
इस मौके पर अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के संभागीय उपाध्यक्ष ताराचंद मिश्रा, जिला अध्यक्ष घनश्याम दुबे, जिला संयोजक संजय मिश्रा, व ब्रजकिशोर शर्मा, आदित्य शर्मा, नीरज तिवारी, दिनेश तिवारी, चंद्रशेखर दुबे, सूर्यकांत चतुर्वेदी, राघवेंद्र तिवारी, संतोष दुबे आदि मौजूद थे।
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