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परसाई का साहित्य स्वाधीन भारत का आईना

सिवनी। पीएम काॅलेज ऑफ एक्सीलेंस  में कालजयी रचनाकार हरिशंकर परसाई जन्म शताब्दी कार्यक्रम का आयोजन हुआ।  हिन्दी और विश्व साहित्य के महान रचनाकार हरिशंकर परसाई की जन्म शताब्दी पर पीएम  काॅलेज ऑफ एक्सीलेंस  में प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने परसाई को याद किया और उनकी प्रासंगिकता  पर अपने विचार साझा किये। हिंदी विभाग, राजनीति विज्ञान विभाग तथा खेल विभाग के संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्राचार्य डॉ. रविशंकर नाग ने कहा कि हरिशंकर परसाई जैसे साहित्यकार युगों बाद पैदा होते हैं. परसाई के साहित्य से संस्कारधानी जबलपुर, महाकोशल और पूरे मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली।

हिंदी विभाग की अध्यक्ष  डाॅ. सविता मसीह ने कहा कि हरिशंकर परसाई अपनी व्यंग्य रचनाओं के कारण साहित्य जगत में अमर हो गए हैं।  कहा कि परसाई की भाषा शैली ने उन्हें नई पहचान दिलाई। अपने अनुभव साझा करते हुए डॉ. मसीह ने बताया कि मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के जिस जमानी गांव में परसाई का जन्म हुआ, उसी गाॅंव के पास उनका पैतृक गाॅंव है. यह भी बताया कि परसाई जी के जीवन काल में उन्होंने परसाई जी से प्रत्यक्ष भेंट की और उनका एक साक्षात्कार लिया था।

विशेष वक्ता के रूप में  प्रोफेसर सत्येन्द्र कुमार शेन्डे ने कहा कि हरिशंकर परसाई का साहित्य स्वाधीन भारत का आईना है। जिस प्रकार पराधीन भारत को समझने के लिए प्रेमचंद की आवश्यकता है, इसी तरह स्वतंत्र भारत को समझने के लिए हमें परसाई को पढ़ना होगा। परसाई ने स्वाधीन भारत की हर समस्याओं पर अपनी कलम चलाई। भ्रष्टाचार, जातिवाद या सामाजिक समस्याओं पर परसाई के लिखे व्यंग्य आज भी हमें तिलमिला देते हैं. कहा कि परसाई का साहित्य युवा पीढ़ी को पढ़ना चाहिए।

विशेष आमंत्रित वक्ता के रूप में सेवानिवृत पुलिस अधिकारी सुरेश अग्निहोत्री ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जिस दिन हरिशंकर परसाई जी का देहांत हुआ था , उसी दिन श्रद्धांजलि अर्पित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उन्हें मिली थी. कहा कि उस समय वे जबलपुर में पदस्थ थे. अग्निहोत्री ने कहा कि परसाई की रचनाएँ भारतीय लोकतंत्र का अनिवार्य हिस्सा हैं। जैसे-जैसे यह भारतीय लोकतंत्र प्रौढ़ होता जाएगा, परसाई की प्रासंगिकता बनी रहेगी।

कार्यक्रम का संचालन जनभागीदारी शिक्षक अमितोष सनोडिया  ने किया. कार्यक्रम में एमए की छात्रा अंबिका मिश्रा, गरिमा सेंगर और रक्षा राहंगडाले सहित अन्य छात्र -छात्राओं तथा जन भागीदारी शिक्षिका छाया राय ने भी हरिशंकर परसाई के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपने विचार साझा किये।

कार्यक्रम में जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष अजय बाबा पांडेय, डॉ. एमसी सनोडिया, स्पोर्ट्स ऑफिसर केसी बापू राउर, डाॅ.श्यामसिंह राहंगडाले, डॉ. दिनेश वर्मा, जन भागीदारी शिक्षक उमाशंकर  तथा अन्य शिक्षकों  सहित बीए तथा  एमए के विद्यार्थी मौजूद रहे। हिंदी विभागाध्यक्ष डाॅ  सविता मसीह ने  आभार जताया।

परसाई पर केंद्रित पुस्तक का विमोचन जन्म शताब्दी के अवसर पर महान साहित्यकार हरिशंकर परसाई के व्यक्तित्व -कृतित्व पर केंद्रित पुस्तक का विमोचन पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस के प्राचार्य डॉ रविशंकर नाग और हिंदी विभाग अध्यक्ष डॉ. सविता मसीह तथा उपस्थित अतिथियों के माध्यम से हुआ. हिंदी विभाग के प्रोफेसर सत्येन्द्र कुमार शेन्डे के संपादन में प्रकाशित इस पुस्तक में देश के विभिन्न राज्यों के प्राध्यापकों और शोधकर्ताओं ने परसाई के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपने शोध आलेख प्रस्तुत किए हैं. यह पुस्तक शोधार्थियों, प्राध्यापकों, शिक्षकों और साहित्य के पाठकों के लिए बेहद उपयोगी है। 

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