सिवनी। जिले की आदिवासी बहुल तहसील धनौरा के छोटे से गाँव थावरी के एक किसान की बेटी ने हिंदी विषय में नेट परीक्षा में सफलता प्राप्त कर साबित किया है कि ग्रामीण क्षेत्रों के युवा भी कड़ी मेहनत से सफलता अर्जित कर सकते हैं। पीजी काॅलेज, सिवनी के हिंदी विभाग की छात्रा रहीं छाया राय ने तीसरे प्रयास में नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रोफेसर बनने की राह आसान की है।
अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और छोटे भाई-बहन को देते हुए छाया ने बताया कि उनके पिता निजाम सिंह राय किसान हैं और माँ लक्ष्मी राय घरेलू महिला हैं।माता-पिता ने बचपन से ही छाया को अच्छी शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया। छोटी बहन ने जिम्मेदारी लेते हुए कभी घर का काम नहीं करने दिया ताकि बड़ी बहन को पढ़ाई का पूरा वक मिल सके। छोटे भाई ने पढ़ाई करने के लिए हमेशा हौसला बढ़ाया। परीक्षा फार्म भरने से लेकर परीक्षा केंद्र में उपस्थित होने तक में पूरी मदद की। बताया कि दोनों भाई-बहन भी पोस्ट ग्रेजुएट हैं। प्रोफेसर बनने की अदम्य लालसा रखने वाली छाया ने बताया कि उनके परिवार में अब तक कोई भी शासकीय सेवा में नहीं है।
प्रोफेसर्स की भूमिका रही महत्वपूर्ण – अपनी सफलता में पीजी काॅलेज के शिक्षकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। छाया ने बताया कि पीजी काॅलेज के हिंदी विभाग के प्रोफेसर डाॅ रविशंकर नाग, प्रोफेसर सत्येन्द्र कुमार शेन्डे और डाॅ सविता मसीह की प्रेरणा रही। प्रोफेसर शेन्डे ने नेट की तैयारी के लिए हमेशा प्रेरित किया। कहा कि प्रोफेसर शेन्डे सर ने हिंदी की संदर्भ पुस्तकों के बारे में जानकारी देकर पढ़ाई का तरीका बताया। बताया कि विजेन्द्र बरमैया और शिव कुमार यादव जैसे मित्रों ने भी समय-समय पर उचित सलाह दी।
बताना उचित होगा कि विश्वविद्यालय और काॅलेजो में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए यूजीसी-नेट परीक्षा उत्तीर्ण करना एक अनिवार्य योग्यता है। नेशनल टैस्टिंग एजेंसी (एनटीए) साल में दो बार नेट परीक्षा का आयोजन करता है। छाया की सफलता पर परिवार-जन, मित्रों, रिश्तेदारों और पीजी काॅलेज के प्राचार्य तथा हिंदी विभाग के प्रोफेसर्स एवं स्टाॅफ ने खुशी जाहिर की है।


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