पीसीसीएफ ने प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व को जारी किए आदेश, एक अक्टूबर से बंद थी बफर में नाइट सफारी
सिवनी। मध्य प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में एक अक्टूबर से बंद नाइट सफारी शनिवार से पुन: प्रारंभ हो जाएगी।सिवनी में पेंच टाइगर रिजर्व सहित प्रदेश में दूसरे टाइगर रिजर्व में पर्यटक एक बार फिर बफर क्षेत्र में नाइट सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे।नाइट सफारी शुरू करने पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जेएस चौहान ने प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व को इस आशय का पत्र जारी कर दिया है।शुक्रवार शाम पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ का पत्र प्रबंधन को प्राप्त होते ही पेंच टागर रिजर्व के अधिकारियों ने फिर से पर्यटकों को नाइट सफारी कराने तैयारी शुरू कर दी है।गौरतलब है कि, मप्र के सभी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में चल रही नाइट सफारी को बंद करने संबंधी पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ के पत्र के बाद 1 अक्टूबर से इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। नाइट सफारी के कारण जंगल के जानवर परेशान होने की बात कही गई थी।
एनटीसीए ने जताई थी आपत्ति: जंगली जानवर प्राकृतिक रोशनी में रहने के आदी हैं, इसलिए एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) ने मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व में कराई जा रही नाइट सफारी पर आपत्ति जताई थी। मामले को लेकर एनटीसीए व मप्र वन विभाग के बीच लंबे समय से तकरार चल रही थी।एनटीसीए की आपत्ति के बाद पीसीसीएफ जेएस चौहान ने मप्र के सभी टाइगर रिजर्व को पत्र लिखकर नाइट सफारी बंद करने के लिए कह दिया है।नाइट सफारी के कारण जंगली जानवरों के प्रभावित होने की बात कही गई थी।रात के समय जब जंगल के अंदर सन्नाटा छा जाता है ऐसे में वाहनों की आवाज और रोशनी जंगली जानवरों के लिए घातक हो सकती है।जंगली जानवर इसके अभ्यस्त नहीं हैं। मप्र के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, कान्हा टाइगर रिजर्व, पेंच टाइगर रिजर्व, सतपुड़ा और पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन में नाइट सफारी कराई जा रही थी।
रोमांच के साथ दिखाई देते हैं आकर्षक नजारे: पेंच टाइगर रिजर्व के खवासा (तेलिया), रूखड और कुंभपानी बफर में नाइट सफारी करने पहुंचने वाले पर्यटकों को रोमांच के साथ लुभावने दृश्य देखने को मिलते रहे हैं। यही कारण है कि पर्यटकों का रूझान नाइट सफारी के लिए बढ़ता जा रहा है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नवंबर 2020 में ‘बफर में सफर’ योजना शुरू की थी। ‘बफर में सफर’ का आकर्षण बढ़ाने मप्र के टाइगर रिजर्व में नाइट सफारी भी शुरू की गई है।वन विभाग ने शाम सात से रात दस बजे तक बफर क्षेत्र में पर्यटन की अनुमति दी थी, जिसके लिए गाड़ियों की संख्या आठ से दस ही रखी गई है। पेंच टाइगर रिजर्व के खवासा से 15, कुंभपानी और रूखड से 10-10 जिप्सी वाहनों को नाइट सफारी के लिए प्रवेश दिया जाता है।
तीन गुना हो गए पर्यटक: बफर क्षेत्र में भी सैलानियों को दुर्लभ वन्यप्राणियों के दीदार नजदीक से हो रहे है। पिछले साल की तुलना में पर्यटकों की संख्या तीन गुनी बढ़ गई है। वर्ष 2020-21 में बफर क्षेत्र में 20799 पर्यटकों ने जंगल की सैर की थी, जबकि इस साल 2021-22 में पर्यटकों की संख्या बढ़कर 66458 हो गई है।खवासा गेट, तेलिया नेचर ट्रेल, घाटकोहका, रुखड़ व कुंभपानी आदि बफर क्षेत्रों में अब बड़ी संख्या में सैलानी बफर में सफर व नेचर ट्रेल का लुत्फ उठा सकते हैं। बफर में नेचर ट्रेल, नाइट सफारी, मचान में कैंपिंग, साइकिलिंग आदि गतिविधियां भी सैलानियों को आकर्षित करती हैं। बफर में सफर को बढ़ावा मिलने से ना केवल पार्क प्रबंधन की आय बढ़ रही है बल्कि बफर क्षेत्र में स्थित गांव के लोगों को रोजगार भी मिल रहा है।
इनका कहना है
पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ के पत्र मिलने पर 1 अक्टूबर से बफर क्षेत्र में नाइट सफारी को बंद कर दिया गया था। आज ही फिर से नाइट सफारी शुरू करने पीसीसीएफ का पत्र प्राप्त हुआ है। शनिवार से खवासा, कुंभपानी, रूखड क्षेत्र में फिर से नाइट सफारी पर्यटकों को कराई जाएगी। रजनीश सिंह, डिप्टी डायरेक्टर पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी
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