सिवनी। दिनांक 14 जनवरी 2021 से 27 फरवरी 2021 तक यह महापर्व रहेगा। 14 जनवरी 2021 से 12 फरवरी 2021 तक अति विशेष फलदायी महापर्व रहेगा तथा 13 फरवरी से 27 फरवरी तक मध्यम फलदायी महापर्व रहेगा। कल्पवास करने से दिव्य लोकों की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषाचार्य आरके श्रीवास्तव ने बताया कि शिव महापुराण के अध्याय 12 की इस श्लोकसंख्या 27 एवं 28 में स्पष्ट रूप से उल्लेख मिलता है कि जब सूर्य एवं बृहस्पति मकर राशि पर हो तब माघ मास में गंगा स्नान करने का अत्यधिक दुर्लभ पर्व होता है शिव पुराण में इसके महत्व का विस्तृत वर्णन करते हुए लिखा है कि सूर्य एवं बृहस्पति जब मकर राशि में स्थित हो तो माघ मास में गंगा जी के जल में स्नान करना चाहिए ब्रह्मा जी का कथन है कि यह स्नान शिव लोक की प्राप्ति कराने वाला होता है शिवलोक के पश्चात ब्रह्मा एवं विष्णु के स्थानों में सुख भोग कर मनुष्य को अंत में ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है अर्थात वह अपने आत्मस्वरूप को जानकर परमात्मा में लीन हो जाता है शिव पुराण के प्रमाणित श्लोक इस प्रकार हैं-
शिवलोक प्रदमिति ब्रह्मणो वचनं यथा ।
मृगमसि तथा स्नायाज्जाहन्व्यां मृगगे गुरौ ।।
शिवलोकप्रदमिति ब्रम्हणो वचनं यथा ।
ब्रम्हविष्ण्वो:पदे भुक्त्वा तदन्ते ज्ञानमाप्नुयात् ।।
उल्लेखनीय है कि मकर राशि में बृहस्पति 12 साल बाद आते हैं जबकि सूर्य मकर राशि में प्रतिवर्ष आते हैं 12 वर्ष के अंतराल पर सूर्य एवं बृहस्पति मकर राशि में एकत्रित होते हैं तब इस महापर्व का पूर्ण योग प्राप्त होता है इसके पहले यह योग 2009 में प्राप्त हुआ था इस वर्ष 14 जनवरी 2021 से 27 फरवरी 2021 तक इस योग का महत्व रहेगा क्योंकि 14 जनवरी 2021 से 12 फरवरी 2021 तक सूर्य एवं बृहस्पति मकर राशि पर रहेंगे अतः इस समय सौर माघ मास रहेगा तथा 2021 में ही दिनांक 29 जनवरी 2021 से 27 फरवरी 2021 तक चांद माघ मास रहेगा 12 फरवरी के बाद यद्यपि सूर्य मकर राशि से हट जाएगा परंतु चांद माघ मास विद्यमान रहेगा जो 27 फरवरी तक रहेगा तथा बृहस्पति मकर राशि में ही चलते रहेंगे शास्त्रों में सौर माघ मास एवं चांद माघ मास दोनों में ही स्नान का अत्यधिक महत्व बताया गया है अतः यह महापर्व 14 जनवरी 2021 से 27 फरवरी 2021 तक माना जाएगा यद्यपि 12 फरवरी के बाद सूर्य के मकर राशि से हट जाने पर योग में कुछ कमी आएगी परंतु बृहस्पति मकर राशि में ही रहेंगे अतः 12 फरवरी तक अति विशेष महापर्व होगा एवं 13 फरवरी से 27 फरवरी तक मध्यम महापर्व रहेगा गंगा स्नान के लिए माघ मास में तीर्थराज प्रयाग (इलाहाबाद) को सबसे अधिक महत्वपूर्ण बताया गया है तीर्थराज प्रयाग में लोग सौर मास माघ एवं चांद माघ मास दोनों में कल्पवास करते हैं कल्पवास का अर्थ है माघ मास में गंगा जी के तट पर निवास करते हुए सूर्योदय से पहले नियमित स्नान करना एवं नियम संयम पूर्वक रहकर अध्यात्मिक कार्यों में संलग्न रहना शास्त्रों में लिखा है कि एक माघ मास में नियमित स्नान करने से एक कल्प तक दिव्यलोक की प्राप्ति होती है यह साधारण माघ मास का महत्व है परंतु जिस वर्ष बृहस्पति मकर राशि में हो तो उस समय माघ मास के स्नान से 12 साल तक का कल्पवास का फल प्राप्त हो जाता है अतः सभी धार्मिक जनों, श्रद्धालुओं को ऐसे महापर्व का लाभ अवश्य प्राप्त करना चाहिए।
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