संतोष दुबे/सिवनी। नगर के बारापत्थर क्षेत्र स्थित डिवाइन कैरेक्टर पब्लिक स्कूल मैं अध्ययनरत दसवीं के छात्रों ने दूसरे स्कूल से टीसी दिए जाने के एवज में साल भर की फीस मांगे जाने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय ने स्कूल संचालक के खिलाफ बरती गई इस लापरवाही पर फटकार लगाते हुए छात्रों के हित में निर्णय सुनाया। प्रतिवेदन में यह लेख है कि डिवाइन कैरेक्टर पब्लिक स्कूल द्वारा भ्रष्ट नीति का अनुसरण करते हुए छात्रों को टीसी प्रदान कर ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल में प्रवेश दर्शाते हुए कक्षा दसवीं की परीक्षा दिलवाई है।
लोकोपयोगी सेवाओं के लिए स्थाई लोक अदालत सिवनी मध्य प्रदेश (अंतर्गत अध्याय 6 (क) विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987) पीठासीन अध्यक्ष चंद्र किशोर बारपेटे अपर जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिवनी व सदस्य एल पी सिंगोर कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग सिवनी व डॉक्टर के सी मेश्राम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिवनी ने छात्रों द्वारा लगाई गई याचिका पर बुधवार को इस लोक अदालत द्वारा सर्वसम्मति से पारित कर घोषित एवं हस्ताक्षर किया गया।
प्रकरण के तहत आवेदक 10 कक्षा के छात्र शुभम सनोडिया पिता टेकचंद सनोडिया निवासी ग्राम पिपरिया वीरसा तहसील अमरवाड़ा जिला छिंदवाड़ा एवं छात्र ओम कनौजिया पिता नरेंद्र कनौजिया निवासी सड़क मोहगांव तहसील कुरई जिला सिवनी। इन दोनों आवेदकों ने बताया कि वे कक्षा दसवीं के पूर्व से डिवाइन कैरेक्टर पब्लिक स्कूल बारापत्थर सिवनी में अध्ययनरत थे। कक्षा दसवीं का अध्ययन भी उसी स्कूल से किया। तथा फीस का भुगतान भी वही किया। साल भर स्कूल में पढ़ाई गई रसीद की फोटो कॉपी न्यायालय में प्रस्तुत की। छात्रों ने बताया जब वे 10वीं की अंकसूची लेने डिवाइन करैक्टर पब्लिक स्कूल गए तब उन्हें यह जानकारी प्राप्त हुई कि डिवाइन करेक्टर पब्लिक स्कूल के पास कक्षा नौवीं एवं 10वी की मान्यता नहीं है। इसलिए उनके द्वारा दसवीं की परीक्षा ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल डूंडासिवनी से दिलाई गई थी। उन्हें अंकसूची एवं टीसी ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल से लेने के लिए कहा गया। छात्र जब अपनी टीसी और अंकसूची लेने के लिए डूंडासिवनी स्थित ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल पहुंचे तो वहां के संस्था संचालक द्वारा कक्षा दसवीं की पूरी फीस राशि 8500 रुपये की मांग की गई जबकि वे पूर्व में डिवाइन स्कूल को साल भर की फीस का भुगतान कर चुके थे। ऐसी स्थिति में ज्ञानोदय स्कूल द्वारा कहा गया कि फीस प्राप्त होने के बाद ही छात्रों को टीसी और अंकसूची देंगे। न्यायालय में छात्रों द्वारा लगाई गई याचिका के बाद न्यायालय ने जाना तो पब्लिक स्कूल सिवनी को निर्देशित किया कि वह छात्र शुभम सनोडिया और ओम कनौजिया को शीघ्र ही उनकी मूल अंकसूची व स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्रदान करें। साथ ही ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल सिवनी को निर्देशित किया कि वह आवेदक शुभम सनोडिया एवं ओम कनौजिया के साथ परीक्षा देने वाले सभी 20 छात्रों में से जिस भी छात्र की अंकसूची व स्थानांतरण प्रमाण पत्र को छात्र द्वारा मांगने के बावजूद अवैधानिक रूप से रोक रखी है उसे पात्र छात्र को अभिलंब प्रदान करें। वही ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल सिवनी को यह भी निर्देशित किया कि वह केवल फीस अवशेष होने या वैमनस्यता के आधार पर छात्र के चरित्र के संबंध में कोई भी विपरीत टिप्पणी स्थानांतरण प्रमाण पत्र में दर्ज ना करें। साथ ही अनावेदक 1 व 2 को संयुक्ततः या पृथकतः आवेदके छात्र शुभम सनोडिया एवं ओम कनौजिया में से प्रत्येक को 5000 रुपये का प्रतिकर भुगतान करें। इसके साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी सिवनी को भी निर्देशित किया जाता है कि आवेदक छात्रों की वर्तमान शिक्षण संस्था को सूचित करें की ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल से स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्राप्ति तक आवेदकों को प्रवेश शिक्षा तथा परीक्षा से वंचित ना करें। इस अधिनियम की प्रतिलिपि कलेक्टर सिवनी एवं जिला शिक्षा अधिकारी सिवनी को क्रियान्वयन कराए जाने के लिए प्रेषित की गई। इस अधिनियम की प्रतिलिपि पक्षकारों को धारा 22 (ग) (7) राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण 1987 के अधीन निशुल्क प्रदान की जाए। वहीं इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी सिवनी ने अपने जवाब में बताया है की फीस संबंधी विवाद के कारण स्कूल द्वारा टीसी एवं अंकसूची छात्रों को प्रदाय नहीं की जा रही है। इस संबंध में उनके कार्यालय को भी शिकायत प्राप्त हुई है जिस पर जांच की जा रही है। डिवाइन कैरेक्टर पब्लिक स्कूल सिवनी सूचना पत्र निर्वहन पश्चात अनुपस्थित होने से उनके विरुद्ध एक पक्षी कार्रवाई की गई। छात्रों द्वारा प्रस्तुत रसीदओं के अनुसार शुभम ने 23 जनवरी 2020 एवं ओम ने 7 जनवरी 2020 को फीस जमा की है। इन रसीद के अलोक में स्थानांतरण प्रमाण पत्र में दर्ज मार्च माह से तात्पर्य मार्च 2020 प्राप्त होता है। जब छात्रों ने मार्च 2020 तक शिक्षण शुल्क डिवाइन कलेक्टर पब्लिक स्कूल में जमा की है तब उनके पूर्व शिक्षण सत्र 2018-19 में प्रवेश संबंधी ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल का बचाव पूर्णता है बनावटी होकर मिथ्या साबित हो जाता है। ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल ने सूचना पत्र दिनांक 21 अक्टूबर 2019 में यह लिख कर दिया है कि शैक्षणिक सत्र 2019-2020 में कक्षा दसवीं के 20 छात्र डिवाइन करैक्टर पब्लिक स्कूल में प्रवेश लिए थे, तब उन्हीं छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2018-2019 में ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल डूंडासिवनी सिवनी में प्रवेश देने संबंधी ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल डूंडासिवनी का बचाव भी सोच पर आधारित होकर बनावटी होने से स्वीकार योग्य नहीं है। बल्कि उक्त परिस्थिति स्पष्ट रूप से दर्शित करती है कि छात्रों को प्रवेश संबंधी जो दस्तावेज शिक्षण सत्र 2018-2019 में रचित होना ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल डूंडासिवनी बता रहा है एवं पूर्व तिथि से पारित प्रतीत होता है।
सहायक संचालक शिक्षा विभाग सिवनी ने दोनों स्कूल द्वारा की गई अनियमितता के संबंध में जांच की है। उन्होंने अपने प्रतिवेदन 20 नवम्बर 2020 में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि डिवाइन स्कूल सिवनी द्वारा मान्यता नहीं होते हुए भी कक्षा नौवीं एवं दसवीं के छात्रों एवं अभिभावकों को भ्रमित कर अवैधानिक रूप से प्रवेश देकर शिक्षण शुल्क वसूल किया है। प्रतिवेदन में यही लेख है कि डिवाइन कलेक्टर स्कूल द्वारा भ्रष्ट नीति का अनुसरण करते हुए छात्रों को टीसी प्रदान कर ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल में प्रवेश दर्शाते हुए कक्षा दसवीं की परीक्षा दिलावाई है।
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