भगवान प्रेम और भक्ति से ही होते हैं  प्रसन्न : पं. दिनेश मिश्रा

सिवनी। श्रीकृष्ण की ममतामयी लीलाओं के माध्यम से भक्तों को यह संदेश दिए कि भगवान प्रेम और भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं। कृष्ण की बाल लीलाएं यह बताती हैं कि ईश्वर अपने भक्तों के साथ सदा निकट रहते हैं और प्रेम से उनके जीवन में सम्मिलित रहते हैं। उक्ताशय की बात नगर के कबीर वार्ड डूंडासिवनी केंद्रीय विद्यालय के समीप साईं नगर दिलबाग नगर में क्षेत्र की समस्त महिला मंडल द्वारा संयुक्त रूप से कराई जा रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन मंगलवार को कथा व्यास पं. दिनेश मिश्रा ने श्रद्धालुजनों से कही।

कृष्ण जन्म की कथा और नंदोत्सव का वर्णन किया गया। बाल्य काल से ही भगवान ने राक्षसों का अंत करना आरंभ किया। पूतना , अघासुर, तृणावर्त , धेनुकासुर,बकासुर , केशी आदि राक्षसों के अंत करने की कथा सुनाई।

पं. श्री मिश्रा ने कथावाचक ने माखन चोरी की लीला का सुंदर चित्रण करते हुए कहा कि माखनचोरी केवल एक बाल लीला नहीं बल्कि इसके पीछे भगवान का गहरा प्रेम और स्नेह भाव छिपा हुआ है। शास्त्री ने कहा कि श्रीकृष्ण का माखन चोरी करना इस बात का प्रतीक था कि वे अपने भक्तों का प्रेम पाना चाहते हैं। उन्होंने समझाया कि माखन, जो मेहनत और प्रेम का प्रतीक है भगवान को भोग के रूप में अत्यंत प्रिय था। बालकृष्ण अपने सखाओं के साथ गोपियों के घर में माखन चुराने जाते थे। जिससे गोपियों का उनके प्रति प्रेम और भी बढ़ जाता था। इसके बाद उन्होंने बालकृष्ण लीला पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कृष्ण का बाल रूप प्रेम, आनंद और स्नेह का प्रतीक है। नन्हे कृष्ण की शरारतें गोकुलवासियों के दिलों में अमिट छाप छोड़ देती थी। उन्होंने कथा में बताया कि कैसे बालकृष्ण ने अपने बालसखाओं के साथ खेल-खेल में लीला करते हुए साधारण ग्वाल-बाल की तरह जीवन जीया।

पं. मिश्रा ने आगे बताया कि इंद्र की पूजा को बंद करवा कर गिर्राज जी की पूजा स्वयं बृजवासियों के साथ जाकर करी गिर्राज जी कलयुग के प्रत्यक्ष देवता है। जो सच्चे हृदय से गिर्राज महाराज की कथा सुनता है उनका पूजन करके भोग लगाया है उसके सारे मनोरथ पूर्ण हो जाते है।

ताजासमाचार ग्रुप से जुड़ने लिंक मांग सकते हैं। वाट्सएफ नम्बर 94 2462 9494 से । या न्यूज के नीचे जाए और दिए गए वाट्सएफ जवाइन निर्देश बॉक्स में दो बार क्लिक कर ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं। संतोष दुबे, सिवनी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *